बुधवार, 4 जुलाई 2012

छोटका मामा क मोटर साइकिल

1974 में छोटका मामा एकटा मोटर साइकिल किनलैन्हि। बी.एस.ए., जे संभवतः एक लीटर पेट्रोल में पांच-दस किलोमीटर चलैत छलैक। असल में ओ मोटर साइकिल चलैत कम छलैक आ ठीक बेशी होइत छलैक। ओकरा स्टार्ट करबाक लेल ठेलबाक जरूरत पड़ैत छलैक। ओकर मिस्त्री छलैक भुवन मिस्त्री, जे पूर्णिया में रहैत छल। सप्ताह में तीन दिन ओ दुर्गागंज आबि दिन भरि मोटर साइकिल ठीक करैत छल। कैक बेर ओकरा बजेबाक लेल हमरो पूर्णिया पठाओल गेल।
एक बेर दुर्गागंज गेलहुं, त मामा के पंडित जी के पहुंचेबाक लेल जयबाक छलैन्हि। मामा हमरो संग लय लेलैन्हि। विदा भेलहुं। मामा मोटर साइकिल चलबैत रहथि। हम बीच में आ पंडित जी पाछू में रहथि। पंचवटी लग पहुंचलहुं तं बालू में मोटर साइकिल उलटि गेलैक। तीनू गोटा खसलहुं। चोट ककरो नहिं लागल, मुदा पायजामा में मोबिल क दाग लागि गेल।
छोटका मामा क ओ मोटर साइकिल के स्टार्ट करबाक लेल रमदेवा आ देविया रहैक। ओ सब ओकरा ठेल के स्टार्ट करय आ कूदि के पाछू में लगाओल गेल तख्ता बला सीट पर बैस जाय। अद्भुत छल ओ मोटर साइकिल।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें